पत्रकारों की बैठक में निर्णय : पहले जनसम्पर्क मंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन, मांग नहीं मानी तो करेंगे आंदोलन
भोपाल। लघु एवं साप्ताहिक समाचार पत्र - पत्रिकाओं की समस्याओं को लेकर मालवीय नगर स्थित पत्रकार भवन में आज पत्रकारों की बैठक संपन्न हुई।
बैठक में प्रदेश की कमलनाथ सरकार के पत्रकारिता विरोधी रवैये पर रोष व्यक्त किया गया।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के अस्तित्व में आने के बाद से पत्रकारिता विशेषकर लघु एवं साप्ताहिक समाचार पत्र - पत्रिकाओं पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। जिससे कई लघु एवं साप्ताहिक समाचार पत्र - पत्रिकाएं बंद होने की कगार पर हैं और इससे जुड़े हजारों मीडिया कर्मी भी बेरोज़गार हो गए हैं। वर्तमान सरकार के मीडिया विरोधी रवैये को लेकर पत्रकारों में भारी आक्रोश है। गत एक वर्ष से विज्ञापनों का भुगतान नहीं हुआ है, ऊपर से तुर्रा यह कि आर्थिक तंगी की आड़ लेकर विज्ञापनों में भारी कटौती करदी गयी है, यही नहीं कुछ लघु एवं साप्ताहिक समाचार पत्र - पत्रिकाओं के तो विज्ञापन ही बंद कर दिए गए हैं। जबकि निवर्तमान शिवराज सरकार में ऐसा नहीं था। सभी श्रेणी के पत्र - पत्रिकाओं सामान्य रूप से विज्ञापन मिल रहे थे और उनका समय पर भुगतान किया जा रहा था।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि सरकार के मीडिया विरोधी रवैये का पूरी ताक़त से विरोध किया जायेगा। इस संबंध में आगामी 25 सितम्बर को जनसम्पर्क मंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांग की जाएगी कि निर्धारित समय सीमा में विज्ञापनों का भुगतान किया जाये, लघु एवं साप्ताहिक पत्र - पत्रिकाओं के बंद कर दिये गए विज्ञापन शुरू किये जाएं। विज्ञापन के लिए आवंटित बजट की 50 प्रतिशत राशि का विज्ञापन लघु एवं साप्ताहिक समाचार पत्र - पत्रिकाओं को दिया जाये। भुगतान की व्यवस्था सुधारी जाये और बिना भेदभाव एवं पक्षपात के सामान्य रूप से विज्ञापन का भुगतान किया जाये।
बैठक में तय किया गया है कि सरकार यदि निर्धारित समय सीमा में हमारी मांगों पर विचार कर उनका निराकरण नहीं करती है तो उपरोक्त मांगों को लेकर आंदोलन किया जायेगा। बैठक में बड़ी संख्या में पत्रकार साथी उपस्थित थे।
उक्त जानकारी भोपाल श्रमजीवी पत्रकार संघ के अध्यक्ष अरशद अली खान ने दी है।
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