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मध्यप्रदेश स्थापना दिवस जिले में मध्यप्रदेश दिवस के रूप में समारोह पूर्वक मनाया गया।

एक नवम्बर को मध्यप्रदेश स्थापना दिवस जिले में मध्यप्रदेश दिवस के रूप में समारोह पूर्वक मनाया गया। जिला स्तरीय समारोह में मुख्य अतिथि कलेक्टर श्री केवीएस चौधरी ने उमंग भवन एनटीपी के प्रांगण  में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और सभी ने सामूहिक रूप से राष्ट्रगान का गायन किया। पुलिस की टुकड़ी ने ध्वज को सलामी दी। इस अवसर पर कलेक्टर  ने बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने की शपथ दिलाई।          कलेक्टर द्वारा दिलाई गई शपथ को दोहराते हुए लोगों ने कहा कि मैं सत्य निष्ठा से यह संकल्प लेता हूँ कि अपने मध्यप्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दूँगा। मैं यह भी प्रतिज्ञा करता हूँ कि समर्पित भाव से समृद्ध प्रदेश के निर्माण तथा समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य करता रहूंगा।             कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कलेक्टर ने मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस की वर्षगांठ के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के संदेश का वाचन किया। ...

सिर्फ जुड़वां बच्चे यहां पैदा होते हैं दुनिया का रहस्यमयी गांव,

दुनिया में कई तरह की अजीबोगरीब जगहें मौजूद हैं। लेकिन अगर हम आपसे ये कहें कि एक ऐसी भी जगह है जहां सिर्फ जुड़वां लोग पैदा होते हैं तो? शायद आपको विश्वास ना हो, लेकिन ऐसी जगह कहीं और नहीं, बल्कि इंडिया में ही मौजूद है।  कोई नहीं समझ पाया इसका रहस्य केरल के मलप्पुरम जिले में स्थित कोडिन्ही गांव में पैदा होने वाले ज्यादातर बच्चे जुड़वां होते है। पूरी दुनिया में 1000 बच्चों पर 4 जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं, लेकिन इस रहस्यमयी गांव में 1000 बच्चों पर 45 बच्चे पैदा होते हैं।  औसत के हिसाब से यह पूरी दुनिया में दूसरा तथा एशिया में पहला है। इस मामले चीन-पाकिस्तान भी पीछे है। हालांकि, विश्व में पहला नंबर नाइजीरिया का इग्बो-ओरा है, जहां पर 1000 में से 145 जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं।  भारत के केरल प्रांत में स्थित इस मुस्लिम बहुल गांव की कुल आबादी 2000 है। इनमें से 250 से ज्यादा जुड़वां लोग हैं। ऐसे में आपको इस गांव में, स्कूल में और पास के बाजार में कई हमशक्ल बच्चे नजर आ जाएंगे।  लगभग 70 साल पहले हुई थी शुरुआत  इस गांव में रहने वाले जुड़वां जोड़ों में सबसे उम्रदराज 65 साल के अब्...

कवित....... हवा मैं , बसंती हवा हूं।

भारत के महान कवियों में से एक कवि थे l कवि:- केदारनाथ अग्रवाल जिन्होंने अपने जीवन में काफी कविता लिखी जिनमे एक कविता                                                     हवा मैं , बसंती हवा हूं।       सुनो बात मेरी अनोखी हवा हूं बड़ी बावली हूं , बड़ी मस्त मौली नहीं कुछ फिकर हैं, बड़ी ही निडर हूं जिधर चाहती हूं , उधर घूमती हू मुसाफिर अजब हूं । न घर बार मेरा, ना उद्देश्य मेरा न इच्छा किसी की, न आशा किसी की न प्रेमी न दुश्मन, जिधर चाहती हूं, उधर घूमती हूं हवा हूं हवा मैं, बसंती हवा हूं जहां से चली मैं,जहां को गई मैं, शहर,राम,गांव,बस्ती,नदी,रेट निर्जन हरे खेत,पोखर, झूलती चली मैं, झूमती चली मैं हवा हूं हवा मैं, बसंती हवा हूं I चढ़ी पेड़ महुआ, थपथप मचाया, गिरी काम से फिर, चडी आम ऊपर उसे भी साकड़ा, किया कान में को उतरकर भागी में, हरे खेत पहुंची वहां गेहूं में, लहर खूब मारी पहड़   दो  पहर ...

PMC घोटाला बेहद चिंताजनक है लोगों का बैंकों से भरोसा उठना स्वाभाविक

इन दिनों पीएमसी बैंक घोटाला बेहद चर्चे में है .घोटाले के बारे में पता चलते ही खाताधारकों के पैरो तले जमीन खिसक गयी .कुछ लोग सदमे में चले गए ,कुछ विवश हो कर आंदोलन पर उतर आये .पीएमसी खाताधारकों को अपने ही पैसे निकालने के लिए RBI अनुमति देती है वह भी शिमित .ऐसे में लोगों की चिंता स्वाभाविक है PMC ने अपने कुल 8800 करोड़ रुपये के कर्ज में से 73% सिर्फ एक ही कंपनी HDML को दे राखी है .HDML का दिवालिया हो चुका है साथ ही पीएमसी बैंक का भी .कम्पनी बकाया लोन नहीं चूका पायी थी फिर भी उसे लोन दिया गया .ऐसा इसलिए संभव हो पाया कि्योंकि PMC बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर BJP के मेंबर हैं .आरोप है की बैंक के प्रबंधक ने अपने नॉन परफार्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में RBI को गलत जानकारी दी थी .इसके बाद RBI ने बैंक के नियुक्ति कारोबारी ट्रांसक्शन सहित अधिकांश कारोबार पर छह महीने तक के लिए पाबन्दीयाँ लगा दी है .PMC बैंक की 137 शाखाएं हैं जिसके खाताधारकों के लिए RBI ने रकम निकासी की सीमा बढाकर 40 हाजर रुपये कर दी गयी है जो पहले 25 हजार रुपये थी .बैंक ने 21000 फर्जी खाता खोले जिससे RBI की ऑडिटिंग से बची रही ....

दुनिया का सबसे छोटा इन्सान , जानते हैं कौन है ।

आपको हम आज एक ऐसे इन्सान के बारे में बताने जा रहे है जो की दुनिया का सबसे छोटे इन्सान जिनका नाम चंद्र बहादुर दन्गी । जिनकी उँचाई 1 फिट 9,5 इंच है और इनका वजन सिर्फ 14 किलो ग्राम था जिसके बाद इनहोने सबसे छोटे इन्सान का रिकार्ड बनाया । ये इसलिये हुआ हुक्योकि बड़ने कि शक्ति मेडिकल मे कुच अज्ञात ओपरेसन के कारण रुक गया और कई छोटे बड़े डॉक्टर भी ये नहीं पता लगा पाए कि इनकी ग्रौथ क्यों रुक गई जो की रुक हि गया जिसके बाद और बड़ा हि नहीं दरहसल इनकी बड़ने कि छमता और रुक गई । वही ये इतने बड़े हस्ती हो गए की इन्होनें दुनिया केसबसे लम्बे इन्सान के साथ फोटो खीचाया जो की दुनिया कि सबसे छोटे और सुनिया की सबसे लम्बे इन्सान के मिलन को दिखाता हैं ।

चिड़ियाघर के बाड़े में कूदे युवक को शेर ने नहीं बनाया निवाला

शेर के बाड़े में कूदने की घटना चिड़ियाघर के कर्मचारियों में चर्चा का विषय बन गई है। हर किसी का कहना है कि रेहान की किस्मत अच्छी थी कि वह मौत के मुंह से बच निकला। बचाव दल के एक कर्मचारी ने बताया कि 17 नंबर बाड़े में हर रोज शेर सुंदरम के लिए भोजन रखा जाता है। शाम करीब 4 से 5 बजे के आसपास उसे खाना दिया जाता है और कुछ भोजन सुबह के लिए उसके बाड़े में रख दिया जाता है। सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच शेर के टहलने के लिए बाड़े में मौजूद उसके पिंजरे को खोला जाता है। सुबह का खाना इसलिए रख देते हैं ताकि शेर को भूख लगे तो मांसाहारी भोजन उसे समय पर मिल सके।  कर्मचारियों का कहना था कि बृहस्पतिवार को शेर सुंदरम ने सुबह का भोजन कर लिया था। उसका पेट भरा हुआ था और वह बाड़े में टहल रहा था। कर्मचारियों की मानें तो शेर को जब भूख नहीं होती है तो वह अपना शिकार ऐसे ही छोड़ देता है जैसा कि उसने रेहान के साथ किया। शेर भूखा होता तो इतने करीब होने के बाद शिकार के सही सलामत बचने की कोई गुंजाइश नहीं होती है। चिड़ियाघर में शेर के बाड़े में घुसे रेहान को पता चला कि सुरक्षाकर्मी उसे बचाने आ रहे है तो उसने कहा कि मुझे...

ग्वालियर के डबरा के समूदन में 17 गायों की मृत्यु की खबर बेहद दुखद

मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में बीस दिन तक कमरे में बंद कर भूखा-प्यासा रखे जाने से सत्रह गायों की मौत का मामला सामने आया है। बेदर्द गांव वालों ने इन गायों को ऐसे कमरे में बंद किया था जहां सूर्य का उजाला तक नहीं था। ऐसे में बीस दिन चारा-पानी नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार जिले के डबरा शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर समूदन गांव में कमरे में बंद रखी गईं 17 गायों की भूख-प्यास से तड़पकर मौत होने की खबर है। इन गायों को ग्रामीणों ने ही कमरे में बंद किया था। इस कमरे के पास ही दो स्कूल, पंचायत भवन, जनमित्र केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं। बुधवार को कमरे से बदबू आने पर गांव की सरपंच के पति बलवीर सिंह, पंचायत सचिव प्रदीप राणा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमाबाई को गायों की मौत की जानकारी मिली थी। आरोप है कि इन सभी ने मामले को दबाने का प्रयास किया। इसके लिए रात में ही कमरे की दीवार जेसीबी से तोड़ी गई और आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर ही मरी गायों को दफनाने का प्रयास किया। इसके लिए रात में ही कमरे की दीवार जेसीबी से तोड़ी गई औ...

मोदी मिलें तो क्या कहोगी', मॉडल के जवाब ने.....................

ब्यूटी कॉन्टेस्ट में पूछा गया, 'मोदी मिलें तो क्या कहोगी', मॉडल के जवाब ने इंटरनेट तोड़ दिया कोहिमा. नागालैंड की राजधानी है. यहां पर 5 अक्टूबर को मिस कोहिमा ब्यूटी पीजेंट 2019 का फाइनल राउंड हो रहा था. इसमें तीन विनर्स को चुना जा रहा था. उनसे सवाल किए जा रहे थे. अब इसमें एक कंटेस्टेंट थीं, उनसे जज ने सवाल किया. पूछा कि इस पर जो उस कंटेस्टेंट ने जवाब दिया, अब वो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें कह रही हैं कि अगर उन्हें पीएम मोदी बातचीत के लिए आमंत्रित करेंगे तो मैं उनसे कहूंगी कि वह गायों के बजाय महिलाओं पर ज़्यादा ध्यान दें. उन पर फोकस करें. इस सवाल से ये कंटेस्टेंट पहले स्थान पर तो नहीं आईं, पर इन्हें सेकेंड रनरअप का खिताब जरूर मिला. इनकी उम्र 18 साल है और ये एक स्टूडेंट हैं.

भारत के इतिहास में रजिया सुल्तान का नाम स्वर्ण अक्षरों में इसलिए लिखा जाता है क्योंकि उसे भारत की प्रथम महिला शाषक होने का गर्व प्राप्त है |

भारत के इतिहास में रजिया सुल्तान का नाम स्वर्ण अक्षरों में इसलिए लिखा जाता है क्योंकि उसे भारत की प्रथम महिला शाषक होने का गर्व प्राप्त है | दिल्ली सल्तनत  के दौर में जब बेगमो को सिर्फ महलो के अंदर आराम के लिए रखा जाता था वही रजिया सुल्तान  से महल से बाहर निकलकर शाषन की बागडोर सम्भाली थी |  रजिया सुल्तान ने अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान भी लिया था जिसकी बदौलत उसे दिल्ली सल्तनत की पहली महिला शाषक बनने का गौरव मिला था | उसने दुसरे सुल्तान की पत्नियों की तरह खुद को “सुल्ताना” कहलवाने के बजाय सुल्तान कहलवाया था क्योंकि वो खुद को किसी पुरुष से कम नही मानती थी | आइये आज आपको उसी जाबांज महिला शाषक की जीवनी से आपको रूबरू करवाते है | रज़ीया सुल्ततान ने सबसे पहले अपने करिश्माई व्यक्तित्व का प्रदर्शन दिल्ली की प्रजा को अपने सुल्तान पद पर स्थापित होने के लिए समर्थन प्राप्त करने के लिए किया. उसने दिल्ली की प्रजा से न्याय मांग पर रुकनुदीन फिरोज के विरुध विद्रोह का माहौल पैदा कर दिया. वह कूटनीति में चतुर थी अत: अपनी चतुराई का प्रदर्शन करते हुए उसने तुर्क ए चहलगानी की महत्वकांक्षा और एकाधिकार को...

भारतीय मुसलमानों द्वारा बनाई गयी ये इमारतें अमर हैं

हिन्दुस्तान: हमेशा से विशाल और अनैक धर्मो की एकता के लिए विश्व में प्रसिद्ध है| आज भी यहाँ कई ऐसी इमारते और स्मारक मौजूद है जो की भारत के गौरवशाली इतिहास की कहानियों को बयां करती है| भारत हमेशा से ही अपनी ऐतिहासिक इमारतों को लेकर विश्व में मशहूर है जिसकी वजह से आये दिन हज़ारों विदेशी यात्री और पर्यटक भारत घूमने आते हैं| यह इमारतें कोई और नहीं बल्कि मुस्लिम राजाओं द्वारा बनवाई गयी थी जिनको आज तक ना तो कोई नक़ल कर सका है और शायद आगे भी नहीं हो पायेगी| हम बात कर रहे हैं ऐसी ही कुछ इमारतों की जिन्हें दुनियां के कई देशो में दोबारा बनाने की कोशिश तो की गई लेकिन वह सफल नहीं हो पाये। भारत की 10 सबसे मशहूर इमारतें और स्मारक जिनको मुसलमानों द्वारा बनवाया गया- ताज महल: यह दुनिया की वो इमारत है जिसको दुनिया के साथ अजूबों में शामिल किया है| पूरी दुनियां इसको मोहब्बत की निशानी के नाम से जानती है क्यूंकि इसको मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ की याद में बन बाया था| बता दें कि ताजमहल के अन्दर बादशाह शाहजहाँ और मुमताज़ का मकबरा है जो ताजमहल का मुख्य आकषण है|   लाल किला: लाल किला प्रसिद्ध किले '...