जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर के जरिए भाजपा पर जमकर निशाना साधा। एक के बाद एक कई ट्वीट करके महबूबा ने भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है। ट्वीट के जरिए लिखा कि अगर कश्मीर में सब कुछ सामान्य है तो वहां 9 लाख सैनिक क्या कर रहे हैं।
महबूबा ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से होने वाले हमले को रोकने के लिए सैनिक यहां नहीं हैं, बल्कि विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए सैनिकों को रोका गया है। इसके बाद वह लिखती हैं कि सेना की प्राथमिक जिम्मेदारी सीमाओं की सुरक्षा करना है, न कि असंतोष को कुचलना। बता दें कि पीडीपी मुखिया इन दिनों नजरबंद हैं। उनकी बेटी इल्तिजा उनके ट्विटर अकाउंट पर सक्रिय हैं।
एक और ट्वीट में महबूबा की बेटी लिखती हैं कि बीजेपी वोट पाने के लिए जवानों के कार्ड का इस्तेमाल करती है। लेकिन सच्चाई यह है कि कश्मीरियों को तोपों का चारा समझा जाता है, घाटी में अशांति फैलाने के लिए सेना मोहरा बन गई है। सत्तारूढ़ दल जवानों या कश्मीरियों की परवाह नहीं करता है। उनकी एकमात्र चिंता चुनाव जीतना है।
महबूबा मुफ्ती ने इन बांड पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया
सिद्धांतों और लोकतंत्र की वकालत करते हुए महबूबा ने कहा कि भारत जिसने हमेशा स्वतंत्रता और समानता के सिद्धांतों के लिए लड़ाई लड़ी, वह आज कश्मीर में अपने क्रूर कार्यों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कठघरे में खड़ा है। सरकारें आएंगी और जाएंगी लेकिन इस देश की प्रतिष्ठा और नैतिक ताने-बाने को क्या नुकसान होगा?
हिरासत में लिए गए तीन नेताओं को किया गया रिहा
यावर मीर रफियाबाद विधानसभा सीट से पीडीपी के पूर्व विधायक हैं। जबकि शोयब लोन ने उत्तरी कश्मीर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा बाद में पार्टी से इस्तीफा दे दिया। लोन को पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन का करीबी माना जाता था।
तीसरे नेता नूर मोहम्मद नेशनल कांफ्रेंस कार्यकर्ता हैं और श्रीनगर शहर के उग्रवाद प्रभावित बटमालू क्षेत्र में पार्टी का चेहरा हैं। तीनों नेता शांति और अच्छे व्यवहार बनाए रखने के लिए हलफनामा भी देंगे। इससे पहले 21 सितंबर को पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के इमरान अंसारी और सैयद अखून को स्वास्थ्य आधार पर राज्य प्रशासन ने रिहा किया था।
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