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चिड़ियाघर के बाड़े में कूदे युवक को शेर ने नहीं बनाया निवाला

शेर के बाड़े में कूदने की घटना चिड़ियाघर के कर्मचारियों में चर्चा का विषय बन गई है। हर किसी का कहना है कि रेहान की किस्मत अच्छी थी कि वह मौत के मुंह से बच निकला। बचाव दल के एक कर्मचारी ने बताया कि 17 नंबर बाड़े में हर रोज शेर सुंदरम के लिए भोजन रखा जाता है। शाम करीब 4 से 5 बजे के आसपास उसे खाना दिया जाता है और कुछ भोजन सुबह के लिए उसके बाड़े में रख दिया जाता है। सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच शेर के टहलने के लिए बाड़े में मौजूद उसके पिंजरे को खोला जाता है। सुबह का खाना इसलिए रख देते हैं ताकि शेर को भूख लगे तो मांसाहारी भोजन उसे समय पर मिल सके।  कर्मचारियों का कहना था कि बृहस्पतिवार को शेर सुंदरम ने सुबह का भोजन कर लिया था। उसका पेट भरा हुआ था और वह बाड़े में टहल रहा था। कर्मचारियों की मानें तो शेर को जब भूख नहीं होती है तो वह अपना शिकार ऐसे ही छोड़ देता है जैसा कि उसने रेहान के साथ किया। शेर भूखा होता तो इतने करीब होने के बाद शिकार के सही सलामत बचने की कोई गुंजाइश नहीं होती है। चिड़ियाघर में शेर के बाड़े में घुसे रेहान को पता चला कि सुरक्षाकर्मी उसे बचाने आ रहे है तो उसने कहा कि मुझे...

ग्वालियर के डबरा के समूदन में 17 गायों की मृत्यु की खबर बेहद दुखद

मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में बीस दिन तक कमरे में बंद कर भूखा-प्यासा रखे जाने से सत्रह गायों की मौत का मामला सामने आया है। बेदर्द गांव वालों ने इन गायों को ऐसे कमरे में बंद किया था जहां सूर्य का उजाला तक नहीं था। ऐसे में बीस दिन चारा-पानी नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार जिले के डबरा शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर समूदन गांव में कमरे में बंद रखी गईं 17 गायों की भूख-प्यास से तड़पकर मौत होने की खबर है। इन गायों को ग्रामीणों ने ही कमरे में बंद किया था। इस कमरे के पास ही दो स्कूल, पंचायत भवन, जनमित्र केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं। बुधवार को कमरे से बदबू आने पर गांव की सरपंच के पति बलवीर सिंह, पंचायत सचिव प्रदीप राणा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमाबाई को गायों की मौत की जानकारी मिली थी। आरोप है कि इन सभी ने मामले को दबाने का प्रयास किया। इसके लिए रात में ही कमरे की दीवार जेसीबी से तोड़ी गई और आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर ही मरी गायों को दफनाने का प्रयास किया। इसके लिए रात में ही कमरे की दीवार जेसीबी से तोड़ी गई औ...

मोदी मिलें तो क्या कहोगी', मॉडल के जवाब ने.....................

ब्यूटी कॉन्टेस्ट में पूछा गया, 'मोदी मिलें तो क्या कहोगी', मॉडल के जवाब ने इंटरनेट तोड़ दिया कोहिमा. नागालैंड की राजधानी है. यहां पर 5 अक्टूबर को मिस कोहिमा ब्यूटी पीजेंट 2019 का फाइनल राउंड हो रहा था. इसमें तीन विनर्स को चुना जा रहा था. उनसे सवाल किए जा रहे थे. अब इसमें एक कंटेस्टेंट थीं, उनसे जज ने सवाल किया. पूछा कि इस पर जो उस कंटेस्टेंट ने जवाब दिया, अब वो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसमें कह रही हैं कि अगर उन्हें पीएम मोदी बातचीत के लिए आमंत्रित करेंगे तो मैं उनसे कहूंगी कि वह गायों के बजाय महिलाओं पर ज़्यादा ध्यान दें. उन पर फोकस करें. इस सवाल से ये कंटेस्टेंट पहले स्थान पर तो नहीं आईं, पर इन्हें सेकेंड रनरअप का खिताब जरूर मिला. इनकी उम्र 18 साल है और ये एक स्टूडेंट हैं.

भारत के इतिहास में रजिया सुल्तान का नाम स्वर्ण अक्षरों में इसलिए लिखा जाता है क्योंकि उसे भारत की प्रथम महिला शाषक होने का गर्व प्राप्त है |

भारत के इतिहास में रजिया सुल्तान का नाम स्वर्ण अक्षरों में इसलिए लिखा जाता है क्योंकि उसे भारत की प्रथम महिला शाषक होने का गर्व प्राप्त है | दिल्ली सल्तनत  के दौर में जब बेगमो को सिर्फ महलो के अंदर आराम के लिए रखा जाता था वही रजिया सुल्तान  से महल से बाहर निकलकर शाषन की बागडोर सम्भाली थी |  रजिया सुल्तान ने अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान भी लिया था जिसकी बदौलत उसे दिल्ली सल्तनत की पहली महिला शाषक बनने का गौरव मिला था | उसने दुसरे सुल्तान की पत्नियों की तरह खुद को “सुल्ताना” कहलवाने के बजाय सुल्तान कहलवाया था क्योंकि वो खुद को किसी पुरुष से कम नही मानती थी | आइये आज आपको उसी जाबांज महिला शाषक की जीवनी से आपको रूबरू करवाते है | रज़ीया सुल्ततान ने सबसे पहले अपने करिश्माई व्यक्तित्व का प्रदर्शन दिल्ली की प्रजा को अपने सुल्तान पद पर स्थापित होने के लिए समर्थन प्राप्त करने के लिए किया. उसने दिल्ली की प्रजा से न्याय मांग पर रुकनुदीन फिरोज के विरुध विद्रोह का माहौल पैदा कर दिया. वह कूटनीति में चतुर थी अत: अपनी चतुराई का प्रदर्शन करते हुए उसने तुर्क ए चहलगानी की महत्वकांक्षा और एकाधिकार को...

भारतीय मुसलमानों द्वारा बनाई गयी ये इमारतें अमर हैं

हिन्दुस्तान: हमेशा से विशाल और अनैक धर्मो की एकता के लिए विश्व में प्रसिद्ध है| आज भी यहाँ कई ऐसी इमारते और स्मारक मौजूद है जो की भारत के गौरवशाली इतिहास की कहानियों को बयां करती है| भारत हमेशा से ही अपनी ऐतिहासिक इमारतों को लेकर विश्व में मशहूर है जिसकी वजह से आये दिन हज़ारों विदेशी यात्री और पर्यटक भारत घूमने आते हैं| यह इमारतें कोई और नहीं बल्कि मुस्लिम राजाओं द्वारा बनवाई गयी थी जिनको आज तक ना तो कोई नक़ल कर सका है और शायद आगे भी नहीं हो पायेगी| हम बात कर रहे हैं ऐसी ही कुछ इमारतों की जिन्हें दुनियां के कई देशो में दोबारा बनाने की कोशिश तो की गई लेकिन वह सफल नहीं हो पाये। भारत की 10 सबसे मशहूर इमारतें और स्मारक जिनको मुसलमानों द्वारा बनवाया गया- ताज महल: यह दुनिया की वो इमारत है जिसको दुनिया के साथ अजूबों में शामिल किया है| पूरी दुनियां इसको मोहब्बत की निशानी के नाम से जानती है क्यूंकि इसको मुग़ल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ की याद में बन बाया था| बता दें कि ताजमहल के अन्दर बादशाह शाहजहाँ और मुमताज़ का मकबरा है जो ताजमहल का मुख्य आकषण है|   लाल किला: लाल किला प्रसिद्ध किले '...

गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का पूरा सच

गांधी के जिस हत्यारे को आजकल महिमामंडित करने का प्रयास किया जा रहा है, उसके बारे में यह जानना दिलचस्प है कि वह गांधी की हत्या से पहले तक क्या था? क्या वह चिंतक था, ख्याति प्राप्त राजनेता था, हिंदू महासभा का जिम्मेदार पदाधिकारी या स्वतंत्रता सेनानी था?   महात्मा गांधी की हत्या के मुख्य अभियुक्त नाथूराम गोडसे को महिमामंडित करने के जो प्रयास इन दिनों किए जा रहे हैं, वे नए नहीं हैं। गोडसे का संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बताया जाता रहा है और इसीलिए गांधीजी की हत्या के बाद देश के तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि संघ गोडसे से अपने संबंधों को हमेशा नकारता रहा है और अपनी इस सफाई को पुख्ता करने के लिए वह गोडसे को गांधी का हत्यारा भी मानता है और उसके कृत्य को निंदनीय करार भी देता है। लेकिन सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के सत्तारूढ़ होने के बाद ही गोडसे को महिमामंडित करने का सिलसिला तेज हो गया? इस सिलसिले में एकाएक उसका मंदिर बनाने के प्रयास शुरू हो गए। उसकी 'जयंती' और 'पुण्यतिथि' मनाई जाने लगी। ...

एक भैंसा गाड़ी का चालान कर हद कर दी हैं, भैंसा गाड़ी का चालान कहीं भी मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत नहीं आता

उत्तराखंड पुलिस ने एक भैंसा गाड़ी का चालान कर हद कर दी हैं, भैंसा गाड़ी का चालान कहीं भी मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत नहीं आता है।पुलिस ने दून के सहसपुर के छरबा क्षेत्र में शीतला नदी के किनारे में खेत में खड़ी एक किसान की भैंसा बुग्गी का एमवी एक्ट में एक हजार रुपये का चालान काट दिया। बुग्गी रियाज पुत्र हुसनद्दीन की है। दरअसल एमवी एक्ट के तहत कहीं भी भैंसा गाड़ी का चालान काटने का प्रावधान नहीं है, भैंसा गाड़ी के मालिक का आरोप है कि पुलिस ने भैंसा गाड़ी से उसका सामान भी फेंक दिया। भैंसा गाड़ी के मालिक का कहना है कि वह किसी भी हालत में यह जुर्माना नहीं भरेगा, वहीं पुलिस के आला अधिकारियों का कहना है कि अगर चालान गलत कट गया होगा तो इसे निरस्त कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि जिस समय इस भैंसा गाड़ी का चालान काटा गया उस वक्त यह सड़क पर भी नहीं थी । भैंसा गाड़ी के मालिक ने इसको नदी के किनारे खड़ा किया हुआ था। 

आधार कार्ड से जुड़ी आपको अब कोई भी परेशानी हो तो डायल करें ये नंबर

आधार कार्ड से जुड़ी आपको अब कोई भी परेशानी हो तो डायल करें ये नंबर लोग अब अपना आधार कार्ड बनवाने या उसमें कोई सुधार लाने के लिए ऑनलाइन अपना समय निर्धारित (अप्वाइंटमेंट बुक) कर सकते हैं। यह अप्वाइंटमेंट उन्हें राजधानी के आधार सेवा केन्द्र से लेना होगा। वे आधार से जुड़ी समस्याओं का निदान मु‌फ्त फोन नंबर 1947 के माध्यम से कर सकते हैं। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा शहर में यह सेवा केन्द्र साईं टावर, न्यू डाकबंगला रोड पर शुरू किया गया है। यह केन्द्र बिहार का पहला और देश का दसवां है।  उप निदेशक, आईईसी राजेश कुमार प्रसाद के अनुसार अप्वाइंटमेंट ask.uidai.gov पर बुक किया जा सकता है। केन्द्र में खुले 16 काउंटरों में रोजाना एक हजार लोग आधार पंजीकरण, अपडेट संबनधी अपनी कठिनाई दूर करा सकते हैं। इसके आलावा help@uidai.gov.in और biharuid@uidai.net.in पर भी मेल कर लोग अपनी समस्याओं का समाधान करा सकते हैं। कहा कि यह केन्द्र मंगलवार को छोड़ कर सप्ताह में सभी दिन शाम 5.30 बजे तक खुला रहता है। दिन की कार्यावधि में फोन 0612-2545678 पर भी जानकारी ली जा सकती है। खो जाए आधार कार्ड तो ऐसे करें लॉक, U...

हिदुस्तान जिंदाबाद

*हा  मैं Manish Tiwari भारतीय हिंदू हुँ,  और ये कड़वा सच भी जानता हूँ* %%%%%%% ताज महल = मुसलमानों ने बनाया; लाल किला = मुसलमानों ने बनाये ; कुतुबमीनार = मुसलमानों ने बनाई; चार मीनार = मुसलमानों ने बनाई; गोल गुम्बज = मुसलमानों ने बनाया; लाल दरवाजे = मुसलमानों ने बनाये; मिसाइल= मुस्लिम ने बनाई (डा.कलाम); इंडिया गेट = अंग्रेजो ने बनाया गेटवे ऑफ इंडिया = अंग्रेजो ने बनाया हावड़ा ब्रिज= अंग्रेजो ने बनाया; पार्लियामेंट हाउस= अंग्रेजों ने बनाया ; राष्ट्रपति भवन = अंग्रेजों ने बनाया; नॉर्थ-साऊथ ब्लॉक= अंग्रेजों ने बनाया ; कनॉट प्लेस = अंग्रेजों ने बनाया . संविधान= SC ने बनाया (डॉ. अम्बेडकर); *तो ये हिन्दू लीडर भारत में करते क्या आ रहे है ?* कड़वा सच (A)हिन्दू भाइयों को देश के इतिहास के नाम पर बेवक़ूफ़ बनाते आरहे है  (B) देश को गुलाम बनाते रहे हैं ! (C) देश, धर्म, संस्कृति, सभ्यता और समाज को कमजोर करते रहे हैं ! (D) देश में जाति-धर्म के नाम पर दंगा कराते रहे हैं ! (E) देश को तोड़ते रहे हैं ! (F) *देश का धन और धार्मिक भय के नाम पर मंदिरों में इकट्ठा करते रहे हैं !* काँग्रेस जब सत्ता म...

सड़क हादसे में 4 खिलाड़ियों की हुई मौत खेल जगत में छाया मातम,

होशंगाबाद :  हॉकी के लिए आज काला दिन है. एमपी के होशंगाबाद में आज सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में 4 हॉकी खिलाड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई है जबकि 3 गंभीर रूप से घायल हैं. घायल खिलाड़ियों को इलाज के लिए नर्मदा अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार सभी सात खिलाड़ी एक कार में सवार होकर ध्यानचंद ट्रॉफी में खेलने होशंगाबाद आ रहे थे इसी दौरान उनकी कार अनियंत्रित होकर एक पेड़ से टकरा गई जिस कारण ये हादसा हुआ है. सभी खिलाड़ी एमपी एकडेमी के खिलाड़ी थे. स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी सूचना: हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए और राहत बचाव का कार्य शुरू किया. साथ ही स्थानीय लोगों ने हादसे की जानकारी होशंगावाद पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल खिलाड़ियों को गाड़ी से निकालकर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया है. सभी हॉकी खिलाड़ी भोपाल साई हॉस्टल टीम से खेल रहे थे: सभी हॉकी खिलाड़ी भोपाल साई हॉस्टल टीम से खेल रहे थे और रविवार को इन्होंने मैच भी जीता था और आज सुबह इनका फिर से मैच था. जिन खिलाड़ियों की मौके पर मौत हो गई है उनमे शाहनवाज खान, आदर्श हरदुआ,...