रातापानी वन्य जीव अभयारण्य के प्रतीक चिन्ह का किया गया अनावरण


रातापानी वन्य जीव अभयारण्य के प्रतीक चिन्ह का किया गया अनावरण 

🌟 रातापानी अभयारण्य स्थित देलाबाडी विश्राम गृह मे 3 दिवसीय रातापानी वन्य जीव अभयारण्य मे तितली सर्वेक्षण के शुभारंभ कार्यक्रम में श्री असीम श्रीवास्तव आई.एफ.एस. अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) द्वारा सर्वप्रथम रातापानी वन्य जीव अभयारण्य के प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया गया।

🌟  रातापानी वन्य जीव अभयारण्य का यह प्रतीक चिन्ह न केवल रातापानी क्षेत्र के 10000 वर्षों के इतिहास को प्रतिबिंबित करता है, साथ ही रातापानी क्षेत्र की विशिष्टताओ को भी अपने अंदर समाहित किये हुये है। प्रतीक चिन्ह का आकार भीमबैठका की गुफाओ की प्रसिद्ध जू रॉक्स से प्रेरित है। प्रतीक चिन्ह में दर्शाये गये वन्य प्राणियों की आकृतियाँ भीमबैठका के प्रसिद्ध शैल चित्रो से प्रेरित है, जो इस क्षेत्र में मानव एवं वन्य प्राणियों के सदियों से चले आ रहे सहअस्तिव को दर्शाता है।

🌟 प्रतीक चिन्ह में मुख्य स्थान बाघ को दिया गया है, जो रातापानी वन्य जीव अभयारण्य का मुख्य आकर्षण है। अभयारण्य मे बाघों की संख्या 40 से अधिक है जो कई राष्ट्रीय उद्यान मे उपस्थित बाघों की संख्या से अधिक है। प्रतीक चिन्ह की बाहरी सीमा पर मानव श्रृंखला को दर्शाया गया है जो न केवल मानव वन्य जीव सहअस्तिव को दर्शाता है, साथ ही वन्य प्राणियों के संरक्षण में स्थानीय लोगो के सहयोग से महत्व को प्रदर्शित करता है। इन्ही स्थानीय लोगो के सहयोग से बाघ एवं वन्य प्राणी इस क्षेत्र में सदियो से संरक्षित रहे है, एवं भविष्य में भी संरक्षित रहेंगें।


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