लोगों को ठगे जाने से बचाएगा संपदा साफ्टवेयर


 



जमीन  की कीमतों में 20 फीसदी की कटौती के बाद अब पंजीयन विभाग अपने कामकाज में पब्लिक व विभाग के हित में कई बदलाव करने जा रहा है। दस्तावेज पंजीयन कराने वाले पक्षकार, विभागीय अफसर व सर्विस प्रोवाइडर रास्ता चलते कहीं से भी जमीन की कीमत, स्लॉट बुकिंग की स्थिति व अन्य तरह की जानकारी ले सकें, इसके लिए एप तैयार किया जा रहा है। एक ही संपत्ति की कई बार बिक्री न हो, इसके लिए आधार नंबर हर दस्तावेज से लिंक रहेगा। इसी तहर के 10 से ज्यादा बदलाव बहुत जल्द होंगे। इनको लेकर भोपाल में प्रदेश भर के पंजीयन अफसरों की बैठक भी हो चुकी है। पंजीयन विभाग का मानना है कि गाइड लाइन में 20 फीसदी कटौती से दस्तावेज पंजीयन बढ़ेगा। 


इस तरह के बदलाव से मिलेगी मदद

    सैटेलाइट इमेज: गूगल की मदद से दस्तावेज पंजीयन के ऐन पहले इमेज ऑनलाइन दिखेगी। इससे यह आसानी से पता चलेगा कि मकान, प्लॉट कहां है, कितने मंजिल का है और उसका एरिया कितना है। ऐसे ही जमीन सिंचित है अथवा असिंचित, इसका पता लगाने में आयुक्त भू-अभिलेख का रिकॉर्ड मदद करेगा।
    क्यू मैनेजमेंट: स्लॉट बुकिंग की संख्या अब जिला पंजीयक तय कर सकेंगे। अभी यह काम ऑनलाइन सिस्टम करता है। ऐसे ही क्यू मैनेजमेंट सिस्टम पर भी होमवर्क हो रहा है। इसके अमल में आते ही बैंक की तरह भीड़ के हिसाब से स्लॉट ट्रांसफर होंगे। किस पक्षकार की रजिस्ट्री कौन करेगा, यह डिस्प्ले बोर्ड पर दिखाई देगा।
    रिफंड ऑनलाइन: सर्वर में दिक्कत या फिर अन्य कारणों से रिफंड के प्रकरण बढ़े हैं। अभी रिफंड के बिल मैन्युअल बनते हैं। इसे जल्द ही ऑनलाइन किया जा रहा है। जो दस्तावेज बैंक में बंधक रहते हैं उनका पूरा काम बैंक ही करेंगे।
सर्च दस्तावेज: पुराने दस्तावेज अभी धूल खा रहे हैं। इन्हें ऑनलाइन करने की प्लानिंग पुरानी है। इसे गति देकर पहले वर्ष 2007 से 2015 तक के रिकॉर्ड को ठेकेदार की मदद से स्केन कराकर ऑनलाइन किया जाएगा।
 



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