बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता

मुंबई: महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने भाजपा को सरकार बनाने का न्योता भेजा है। गवर्नर ने 11 नवंबर तक भाजपा को सरकार बनाने को लेकर राजमवन को सूचित करने का वक्त दिया है। एनसीपी ने गवर्नर के निर्णय पर नाराजगी जाहिर की है। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बोला कि राजभवन को पहले इस बात की जानकारी ले लेनी चाहिए थी कि क्या भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत हैं या नहीं है। प्रदेश में विधायकों की खरीद फरोख्त (हॉर्स ट्रेडिंग) ना हो, इसका ख्याल गवर्नर रखें। एनसीपी ने आगे बोला कि अगर भाजपा सरकार स्थापित करती हैं लेकिन सदन में वह बहुमत नहीं साबित कर पाए तो एनसीपी वैकल्पिक सरकार देने पर विचार करेगी


जपा सबसे ज्यादा विधायकों के साथ प्रदेश की नंबर एक पार्टी है। लिहाज़ा राजभवन भाजपा को सरकार बनाने का आमंत्रण भेजा है। फिलहाल, भाजपा प्रदेश मे अल्पमत की सरकार बनाने के हक मे नहीं नजर आ रही। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बोला कि गवर्नर के सरकार बनाने के न्योते पर पार्टी जल्द निर्णय लेगी। भाजपा ने रविवार को पार्टी की कोर कमेटी की मीटिंग बुलाई है जिसमें गवर्नर के सरकार बनाने के न्योते पर पार्टी कपना रुख तय करेगी। देवेन्द्र फडणवीस ने बोला है कि गवर्नर के न्योते पर रविवार की भाजपा कोर कमेटी की मीटिंग मेँ निर्णय लेकर राजभवन को पार्टी अपने फैसला से अवगत कराएगी।


महाराष्ट्र की 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा मे भाजपा के पास सिर्फ़ 105 व करीब दर्जनभर निर्दलीय विधायकोँ का संख्याबल है। हालांकि ये बहुमत के 145 के आंकड़े से दूर है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक गवर्नर के सरकार बनाने के न्योते पर राजभवन को भाजपा की सरकार नहीं बनाने की मंशा बताने की तैयारी में है। अगर भाजपा मना करती है तो ऐसी स्थिति में गवर्नर प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं ।


और तब ये देखना दिलचस्प होगा गवर्नर के सरकार बनाने के न्योते पर शिवसेना क्या कदम उठाती है। दरअसल शिवसेना के पास वैसे महज 56 विधायक व आधा दर्जन के करीब निर्दलीयों का समर्थन हासिल है। हालांकि शिवसेना का विधानसभा मे ये संख्याबल बहुमत से कोसों दूर है। प्रदेश मे भाजपा 105 व शिवसेना 56 एक साथ आकर सरकार बनाने का आंकड़ा रखते हैं। हालांकि वैसे शिवसेना व भाजपा के बीच विवाद की वजह दोनों मिलकर सरकार नहीं बना रहे हैं।


एनसीपी के 54 व कांग्रेस पार्टी के 44 विधायकोँ की संख्या प्रदेश मे सरकार नहीं बना सकते है। हां, एक दूसरी तस्वीर की आसार पर पॉलिटिक्स करवट लेती है तब ये तस्वीर बन सकती है। शिवसेना के 56, एनसीपी के 56 व बाहर से कांग्रेस पार्टी के 44 विधायकोँ के समर्थन के बल पर न ई सरकार गठन का रास्ता बन सकता है। हालांकि अभी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी व एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की इस फार्मूले पर मुहर लगने के बाद ही ऐसी तस्वीर बन सकती है।


Comments